
पके पीले केले पर मौजूद गहरे धब्बे ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF) नामक एक पदार्थ उत्पन्न करते हैं, जो कैंसरग्रस्त ट्यूमर को नष्ट करता है।
कैथल, गौरव गर्ग।डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि ज़्यादा पके केले एक शक्तिशाली प्राकृतिक यौगिक उत्पन्न करते हैं जो घातक कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करके उन्हें नष्ट कर सकता है। अगर पक्का हुआ केला का सेवन किया जाए तो फाइबर आंत में टॉक्सिन्स को जल्दी बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे कोलन और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और कैंसर का जोखिम कम होता है।केले के पकने पर बनने वाले इस कैंसर-रोधी पदार्थ ने प्रयोगशाला अध्ययनों में कैंसर कोशिकाओं पर चुनिंदा रूप से हमला करके और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान न पहुँचाकर आशाजनक परिणाम दिखाए हैं।पके केले खाने से पाचन में सुधार होता है, ऊर्जा मिलती है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पके केले में पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन C, और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य और हड्डियों के लिए भी फायदेमंद हैं। यह कब्ज से राहत दिलाने और एसिडिटी कम करने में भी मददगार है।
पके केले के फायदे:
पाचन में सुधार: पके केले में फाइबर होता है, जो कब्ज को दूर करने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
ऊर्जा का स्रोत: यह शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, जो इसे जिम जाने वालों या शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है।
हृदय स्वास्थ्य: केले में पोटेशियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता: विटामिन C और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
हड्डियों को मजबूती: केले में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
एसिडिटी से राहत: पका केला एक प्राकृतिक एंटी-एसिड के रूप में कार्य कर सकता है और सीने की जलन से राहत दिला सकता है।
किडनी के लिए फायदेमंद: केले में मौजूद पोटेशियम किडनी के कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
