

कैथल, गौरव गर्ग। डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जर्नल ऑफ़ एप्लाइड फ़िज़ियोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार ,30 सेकंड की एक स्प्रिंट आपके शरीर के लिए घंटों लगातार कार्डियो करने से कहीं ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकती है।उच्च तीव्रता वाले प्रयास का सिर्फ़ एक छोटा सा झोंका मानव विकास हार्मोन (HGH) के स्तर को 100 प्रतिशत से भी ज़्यादा बढ़ा सकता है। यह शक्तिशाली हार्मोन मांसपेशियों की वृद्धि, वसा जलने, कोशिकाओं की मरम्मत और समग्र जीवन शक्ति के लिए ज़रूरी है।HGH उम्र के साथ स्वाभाविक रूप से कम होता जाता है, इसलिए इसके स्तर को बनाए रखना दुबले-पतले, ऊर्जावान और युवा बने रहने की कुंजी है। स्प्रिंटिंग आपके तेज़ मांसपेशी तंतुओं को सक्रिय करती है और एक तीव्र चयापचय प्रतिक्रिया को ट्रिगर करती है, जो आपके शरीर को वृद्धि हार्मोन के प्रवाह को जारी करने का संकेत देती है। लंबी अवधि के वर्कआउट के विपरीत, जो कोर्टिसोल को बढ़ा सकते हैं और मांसपेशियों के निर्माण को कम कर सकते हैं, स्प्रिंट प्रशिक्षण आपके शरीर की प्राकृतिक उपचय प्रक्रियाओं को उत्तेजित करता है।आपको महंगे उपकरणों या जिम में घंटों बिताने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ़ 30 सेकंड की पूरी मेहनत और उसके बाद आराम आपके शरीर को तेज़ी से गति दे सकता है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि ये छोटे स्प्रिंट इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं, हृदय संबंधी सहनशक्ति को बढ़ाते हैं, और आपके वर्कआउट के समाप्त होने के लंबे समय बाद भी वसा ऑक्सीकरण को बढ़ाते हैं।अगर आप मांसपेशियां बनाना चाहते हैं, ऊर्जा बढ़ाना चाहते हैं और वसा को ज़्यादा कुशलता से जलाना चाहते हैं, तो अपनी साप्ताहिक दिनचर्या में एक या दो 30 सेकंड की स्प्रिंट शामिल करें। आपके हार्मोन और मेटाबॉलिज़्म आपको धन्यवाद देंगे।
