
मिलेनियम सिटी के नाम पर भाजपा सरकार में लग रहा है धब्बा
गुडग़ांव, गौरव गर्ग । मिलेनियम सिटी गुडग़ांव में बरसात के कारण जलभराव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि यहां के एक मात्र अस्पताल के बाहर-भीतर पानी। उसके ऊपर-नीचे पानी। लोगों के घरों में पानी, सडक़ों पर पानी ही पानी। आखिर जनता जाए तो जाए कहां। सरकार ने जनता को कुछ लापरवाही अधिकारियों के हाथों परेशान होने के लिए छोड़ दिया है। उनकी मांग है कि हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाना चाहिए। क्योंकि जनता की हितैषी कहने वाली सरकार ने जनता से दूरी बनाकर समस्याओं में धकेल दिया है।
पंकज डावर ने कहा कि विकास के नाम पर पत्थर लगाने का सरकार रिकॉर्ड बना रही है। गुडग़ांव की सबसे बड़ी समस्या गंदगी और जलभराव पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। मुख्यमंत्री कहने को तो यहां की ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन हैं, लेकिन चंद शिकायतें सुनकर वे इस दायित्व को निभा कर चले जाते हैं। उन्हें यह पता है कि गुरुग्राम दुर्दशा का शिकार है। यहां ना तो सफाई होती है और ना ही बरसाती पानी की निकासी के कोई स्थायी प्रबंध हैं। हर बार की बरसात में करोड़ों रुपये बरसाती पानी निकालने के लिए बहा देने वाले अधिकारियों से सरकार ने कभी बैठकर यह नहीं पूछा कि आाखिर गुडग़ांव हर बरसात में क्यों डूबता है। पंकज डावर ने कहा कि सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। सरकार को जनता से नहीं जनता के टैक्स के पैसे से प्यार है। नगर निगम टैक्स नहीं भरने वालों की प्रॉपर्टी सील करने के कदम उठाने को आतुर रहता है, लेकिन जनता को सुविधाएं देने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता। हर स्तर के अधिकारियों की नजर गुडग़ांव के सुधार पर है ही नहीं।
पंकज डावर ने कहा कि गुडग़ांव का एक मात्र नागरिक अस्पताल सेक्टर-10 भी बरसाती पानी की झील बन रहा है। इसकी बेसमेंट में काफी पानी भर गया। टूटी छत से पानी का झरना बह रहा है। अस्पताल पानी-पानी हो चुका है। लोग यहां अपनी इलाज कराने आते हैं, मगर यहां भरे पानी में चलने के साथ इस बात से भी डरते हैं कि कहीं वे फिसलकर गिर ना जाएं और उनकी हड्डी ना टूट जाए। अस्पताल के हालात बहुत बुरे हैं। उन्होंने कहा कि इस पानी के ना भरने और निकासी के कोई प्रबंध नहीं हैं। रामभरोसे सब चल रहा है। अस्पताल के मेन गेट के सामने भरे बरसाती पानी में मरीजों के साथ खड़े होकर पंकज डावर ने इस जलभराव का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि किसी मरीज को चोट लगी हो तो वह इस पानी में से कैसे अस्पताल के भीतर जाएगा। कैसे वह अपना इलाज कराएगा। उन्होंने कहा कि गुडग़ांव में जलभराव से निपटने की चिंता ना किसी विधायक को है और अफसर तो चिंता क्यों करेंगे। क्योंकि उन्हें इस बारे में पूछने वाला कोई नहीं है। मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी के कार्यक्रमों से फुर्सत नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस हक से गुडग़ांव की जनता से नगर निगम टैक्स की वसूली करती है। उन्होंने कहा कि नगर निगम घोटालों का घर बन चुका है। भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। शहर की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी गंभीर नहीं हैं। भाजपा के मंत्री कूड़े के पहाड़ पर जाते हैं, मगर गुडग़ांव के जलभराव पर बात नहीं करते। जनता से बड़े दावे करने वाले भाजपा के नेता भी यहां की समस्याओं पर मुंह नहीं खोल रहे। विधानसभा और नगर निगम के चुनाव में बड़े वादे करने वाले नेता अब गायब हो गए हैं। चुनाव जीतकर वे अपने व अपने खास लोगों तक सीमित हो गए हैं। उन्होंने गुडग़ांव के डूबने, सडऩे की कोई चिंता नहीं है।