
“लाइफ लाइन वेंटिलेटर पर, बीजेपी सरकार जवाब दे”
गुरुग्राम,, गौरव गर्ग,7 सितम्बर।गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने शहर की जर्जर सड़कों और यातायात व्यवस्था पर हरियाणा सरकार, प्रशासन, एमसीजी और जीएमडीए को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग किसी भी देश और शहर की लाइफ लाइन होते हैं, लेकिन गुरुग्राम की यह लाइफ लाइन आज वेंटिलेटर पर पड़ी है।
“11 साल की सरकार, टूटी सड़कें और जाम ही जाम”
गुरिंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा की पिछले 11 वर्षों की सरकार ने गुरुग्राम को केवल भाषण और जुमले दिए, विकास नहीं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम राज्य को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला है, फिर भी यहां की सड़कें बदहाल हैं।
कादीपुर रोड, पटौदी रोड, सेक्टर-9 व 10 की सड़कें वर्षों से टूटी पड़ी हैं।
हीरो होंडा चौक से कादीपुर तक बिना बारिश भी पानी भरा रहता है और जाम लगता है।
सेक्टर-9, न्यू कॉलोनी स्थित मेयर ऑफिस के बाहर बनी सड़क बनते ही टूट गई।
“क्या निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पताल की सड़कें जर्जर छोड़ी गईं?”
उन्होंने कहा कि बसई रोड, जो गुरुग्राम के इकलौते सरकारी अस्पताल से जुड़ती है, जर्जर पड़ी है। सिविल अस्पताल से लगने वाली अन्य सड़कें भी टूटी हैं। सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा—
“क्या जानबूझकर सरकारी अस्पताल की सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही ताकि लोग मजबूर होकर निजी अस्पतालों की ओर रुख करें?”
“भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस कहां गया?”
समाजसेवी ने तंज कसा कि भाजपा खुद को “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” बताती है, लेकिन टूटी सड़कों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
हादसों और खर्च का बोझ
टूटी सड़कों और जलभराव के कारण रोज हादसे हो रहे हैं।
स्ट्रीट लाइट न होने से खतरे और बढ़ जाते हैं।
गड्ढों से वाहन खराब हो रहे हैं, जिससे आम आदमी की जेब पर मरम्मत का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
सरकार और प्रशासन से मांग
गुरिंदरजीत सिंह ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, सांसद इंद्रजीत सिंह, शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल, पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा, मंत्री नरबीर सिंह, मेयर राज रानी मल्होत्रा, उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया से मांग की कि—
गुरुग्राम की सभी मुख्य सड़कों को प्राथमिकता से बनाया जाए।
निगरानी कमेटी गठित कर गुणवत्ता पर सख्त ध्यान दिया जाए।
भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
अंत में उन्होंने सरकार से साफ कहा—
“गुरुग्राम की सड़कें जल्द बनाओ—गड्ढा मुक्त, जलमग्न मुक्त और गंदगी मुक्त।”